Wednesday, August 4, 2010

Soical Networking world  अब कंपनी भी देख रही है आपकी नेटवर्किंग प्रोफाइल

सोशल नेटवर्किंग साइट्स की सहायता से हमेशा अपने दोस्तों के टच में रहने वाले इनकी वजह से तमाम परेशानियां भी झेल
रहे हैं। दरअसल, तमाम कॉरपोरेट कंपनियां अपने एंप्लॉइज को करीब से जानने के लिए उसके नेटवर्किंग साइट अकाउंट को फॉलो कर रही हैं। ऐसे में लोगों को अपना अकाउंट समझदारी से हैंडल करने की जरूरत है:
इसमें कोई दो राय नहीं है कि आजकल लोगों को इंटरनेट की दुनिया काफी पसंद आ रही है। लेकिन वर्चुअल वर्ल्ड के बढ़ते खतरों ने हमें सावधान रहने पर भी मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि पहले ज्यादा लंबी फ्रेंड लिस्ट का कॉम्पिटीशन करने वाले लोग अब एक-एक फ्रेंड को काफी सोच-समझकर ऐड कर रहे हैं। दरअसल, कई लोगों को हुई परेशानी ने बाकियों को समझदारी बरतने के लिए मजबूर कर दिया है।

एक एमएनसी में बतौर मैनेजर काम करने वाले अर्नब भट्टाचार्य कहते हैं, 'मेरी एक दोस्त को नई जॉब मिल गई, तो उसने जॉइन कर लिया, लेकिन पुरानी कंपनी से रिजाइन नहीं किया। उसने एक नेटवर्किंग साइट पर अपना प्रफाइल जरूर अपडेट कर दिया। ऐसा कर वह अपने लिए बुरा कर बैठी। दरअसल, उसे जरा भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसके मैनेजर ने उसकी प्रोफाइल देख ली है। अगले दिन जब वह ऑफिस पहुंची, तो उसे पिंक स्लिप थमा दी गई। चाहे आपके पास दूसरी जॉब क्यों ना हो, लेकिन कोई भी यह नहीं चाहता कि उसे कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। उस घटना के बाद से मैं काफी सावधान हो गया हूं। मैंने अपने किसी ऑफिस कलीग को नेटवर्किंग साइट पर ऐड नहीं किया है। मुझे लगता है कि इसका फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा।'
वैसे, ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो नेटवर्किंग साइट्स पर अपने कलीग्स की मौजूदगी को काफी खतरनाक मानते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित चक्रवर्ती कहते हैं, 'नेटवर्किंग साइट्स पर अपने कलीग्स की मौजूदगी काफी खतरनाक हो सकती है। मसलन, अगर आपकी आपके बॉस से कहासुनी हो गई है, तो जाहिर है कि आपका मूड अपसेट होगा और आप तारीफ वाले कॉमेंट नहीं पोस्ट करेंगे। ऐसे में आपके कलीग्स इस चीज में काफी रुचि लेंगे और आपके मन की बात जानने की कोशिश करेंगे। हो सकता है कि वे आपसे कुछ बातें पूछकर फिर बॉस से आपकी शिकायत कर दें।'
हालांकि कुछ कंपनियों ने अपने एंप्लॉइज को नेटवर्किंग साइट से होने वाली प्रॉब्लम से बचाने के लिए ऑफिसों में इन साइटों को बैन कर दिया है। बैंक मैनेजर सुदीप कहते हैं, 'मेरा मानना है कि ऑफिस में बैठकर नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल ठीक नहीं रहता। इसलिए कंपनी को इस पर बैन लगा देना चाहिए। मुझे नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल तभी करता हूं, जब मैं ऑफिस में नहीं होता हूं।'
हालांकि सभी कंपनियों की सोच एक जैसी नहीं होती। कुछ कंपनियों ने इसलिए अपने यहां सोशल नेटवर्किंग साइट बैन कर रखी है, क्योंकि इससे काम का नुकसान होता है। लेकिन ऐसी कंपनियों की भी कमी नहीं है कि जिनका मानना है कि नेटवर्किंग साइट से अपने एंप्लॉई पर आसानी से नजर रखी जा सकती है।
एक सॉफ्टवेयर कंपनी के मैनेजमेंट में शामिल प्रदीप माथुर कहते हैं, 'आजकल ज्यादा कंपनियां अपने एंप्लॉइज पर नजर रखने के लिए यह तरीका अपना रही हैं। इस तरह वे न सिर्फ एंप्लॉई का बैकग्राउंड पता लगा रही है, बल्कि उन्हें यह भी पता लग जाता है कि उसका सर्कल कैसा है और वह लोगों से कैसे बातचीत करता है। वहीं कुछ कंपनियां सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोगों की प्रोफाइल देखकर उन्हें अपने यहां जॉब भी ऑफर कर रही हैं।'
हालांकि प्रदीप के मुताबिक कई बार लोग इन साइटों पर अपनी राय देने से परेशानी में पड़ जाते हैं। प्रदीप बताते हैं, 'बेहतर यही है कि एंप्लॉई अपने नेटवर्किंग साइट अकाउंट का सोच-समझ कर इस्तेमाल करें। वरना वे परेशानी में पड़ सकते हैं।'


No comments:

Post a Comment